नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा के बीच मुलाकात के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है. बैठक के बाद दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, मिल रही जानकारी के अनुसार दोनों के बीच 15 मिनट तक बातचीत हुई थी. माना जा रहा है कि बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई. राज्य में इसी साल चुनाव होने हैं. पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है.
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कर्नाटक में भी लागू होगा ‘गुजरात प्लान’
कर्नाटक में लंबे समय से सत्ता में काबिज बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा चल रही है. ऐसे में येदियुरप्पा और पीएम मोदी की मुलाकात के कुछ मायने निकाले जा रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लेकर पार्टी में नाराजगी की खबरें आ रही हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद येदियुरप्पा को पार्टी के संसदीय दल में शामिल किया गया है.
दक्षिण में बीजेपी की स्थापना करने वाले येदियुरप्पा की लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़ मानी जाती है. अभी तक कर्नाटक का यह दिग्गज नेता लो प्रोफाइल ही रहा है, लेकिन जैसे-जैसे राज्य में चुनाव नजदीक आ रहे हैं, येदियुरप्पा फिर सक्रिय हो गए हैं. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा के भविष्य को लेकर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं.
येदियुरप्पा के बाद सीएम के रूप में बोम्मई का कार्यकाल उतार-चढ़ाव भरा रहा है. आपको बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने सीएम बसवराज बोम्मई पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राज्य में PayCM अभियान शुरू किया है. हालांकि बीजेपी ने तमाम आरोपों के बाद भी कहा कि राज्य के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा. बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह को कर्नाटक की कुल 224 विधानसभा सीटों में से 136 सीटें जीतने का लक्ष्य सौंपा गया है. लेकिन यह आसान नहीं होने वाला है. कर्नाटक में बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से होगा. देश की सबसे पुरानी पार्टी के पास राज्य में कार्यकर्ताओं का मजबूत आधार भी है.
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