नई दिल्ली: चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उद्धव गुट ने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. महाराष्ट्र की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और पलटवार का दौर चल रहा है. शिंदे गुट और उद्धव गुट चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम को लेकर आमने-सामने है. इसी कड़ी में शिवसेना सांसद और पार्टी के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने एक इंटरव्यू में चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है.
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संजय राउत ने पार्टी और चुनाव आयोग के बीच मौजूदा खींचतान को एक मसाला फिल्म करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस फिल्म का निर्देशन दिल्ली से किया जा रहा है. इस फिल्म की स्क्रिप्ट 2019 के बाद लिखी गई है. जिसे दिल्ली से डायरेक्ट किया जा रहा है. इतना ही नहीं संजय राउत ने कहा कि मौजूदा हालात एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. राउत ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के इतिहास में चुनाव आयोग ने किसी भी पार्टी के लिए ऐसा फैसला पहले कभी नहीं दिया है.
राउत ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि विधायकों और सांसदों की संख्या पार्टी की एक बड़ी परिभाषा है और चुनाव आयोग को इस पर गहराई से विचार करना चाहिए. अगर हमारे साथ बगावत करने वाले सभी विधायक और सांसद अगला चुनाव हार गए तो क्या होगा? क्या चुनाव आयोग हमें हमारी पार्टी का नाम और तीर-धनुष का चुनाव चिन्ह वापस देगा?
राउत ने सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब हम शिवसेना में शामिल हुए थे तो हमें पता था कि इस रास्ते पर चलना आसान नहीं होगा.’ हमने बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण किया और उनके बाद हम उद्धव ठाकरे के साथ हैं. कुछ महीने पहले जिन्होंने हमारे साथ बगावत की उनको पार्टी का नाम, पद और अधिकार मिल गया. शिंदे और कुछ विधायकों ने सिर्फ सत्ता और पैसे के लिए उद्धव ठाकरे और शिवसेना से बगावत की है.
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