भुज: कच्छ में एक बार फिर भूकंप का झटका आने से लोगों में डर का माहौल है. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रवता 3.8 मापी गई. भूकंप का केंद्र लखपत से 62 किमी दूर रिकॉर्ड किया गया. कच्छ में आज सुबह 10 बजकर 49 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया. लेकिन राहत की बात यह है कि किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आ रही है.
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अमरेली जिले में भी भूकंप का झटका
वहीं दूसरी ओर गुजरात के अमरेली जिले में भी देर रात 1 बजकर 42 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके अमरेली के खांभाना वाड, वाकिया, सकरपारा, मितियाला समेत ग्रामीण इलाकों में महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.3 दर्ज की गई. भूकंप का केंद्र अमरेली से 45 किमी दूर दर्ज किया गया है.
कच्छ में अक्सर महसूस किया जाता है झटका
गुजरात के कच्छ जिले में आए दिन भूकंप के झटके आते रहते हैं. भूकंप जोन 5 में आने वाले कच्छ में अब भूकंप स्थायी हो गया है. हाल के दिनों में भूकंप की संख्या में खतरनाक वृद्धि हुई है.
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंपों के पीछे मुख्य कारण सात प्लेटें हैं जो गतिमान हैं. जब यह टकराता है, तो यह ऊर्जा को मुक्त करने का एक तरीका खोज लेता है. जिसकी हलचल से भूकंप आते हैं. भूकंप का अधिकेंद्र सतह के जितना करीब होता है, विनाश उतना ही अधिक होता है.
भूकंप की तीव्रता से कितना नुकसान होता है?
भूकंप की तीव्रता 0 से 1.9 रिक्टर होने पर यह महसूस नहीं होता है. सिस्मोग्राफ ही इसका पता लगा सकता है. सामान्य कंपन 2 से 2.9 की तीव्रता पर होता है. 3 से 3.9 के रिक्टर पैमाने पर हल्का झटका महसूस किया जाता है. 4 से 4.9 की तीव्रता पर, खिड़की के शीशे टूट सकते हैं. 5 से 5.9 की तीव्रता पर सामान और पंखा हिलने लगता है. 6 से 6.9 की तीव्रता पर, ऊपरी मंजिलें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं और नींव हिल सकती है. इसके अलावा 7 से 7.9 की तीव्रता पर इमारत गिर सकती है. वहीं अगर 8 से 8.9 की तीव्रता से विनाशकारी भूकंप आता है और पुल आदि भी ढह सकते हैं. अगर भूकंप की तीव्रता 9 से ऊपर पहुंच जाए तो पृथ्वी हिलती हुई दिखाई देगी.
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