बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में बढ़ती जा रही हैं. अब केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए समन जारी किया है. सीबीआई ने इससे पहले चार फरवरी को भी तेजस्वी यादव को समन जारी किया था लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे. उसके बाद आज पूछताछ के लिए फिर से समन जारी किया गया. तेजस्वी के खिलाफ लैंड फॉर जॉब घोटाले में मिले सबूतों के आधार पर तलब किया गया है.
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क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाले का मामला
सीबीआई का कहना है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए गुपचुप तरीके से पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दी थी और उनसे पैसे की मांग की थी. उनके परिवार वालों ने पटना में जमीन की रजिस्ट्री कराई थी. सीबीआई का दावा है कि प्लॉट लालू यादव की पत्नी रबडी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर दर्ज थे और जमीन की नाममात्र की कीमत नकद में अदा की गई थी. इतना ही नहीं आवेदन के तीन दिन के भीतर नौकरी भी दे दी गई थी.
लालू और राबड़ी से पूछताछ
इससे पहले सीबीआई ने सोमवार को पटना में राबड़ी देवी के घर पर उनसे पूछताछ की थी, उसके अगले दिन सीबीआई की टीम मीसा भारती के दिल्ली स्थित घर पहुंची थी. यहां सीबीआई ने लालू यादव से कई घंटे तक पूछताछ की थी. लालू सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बाद भारत लौट आए हैं और फिलहाल अपने बेटी के साथ दिल्ली में रहते हैं.
लालू ने कहा- बीजेपी और आरएसएस के आगे नहीं झुकेंगे
लालू ने ऐलान किया कि बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ उनकी वैचारिक लड़ाई जारी रहेगी और उनके परिवार का कोई भी सदस्य बीजेपी की राजनीति के आगे नहीं झुकेगा. लालू ने ट्वीट में लिखा “संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी. इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा.”
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