दिल्ली: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हत्या के एक दिन बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और याचिका दायर कर पूर्व जज की निगरानी में हत्याकांड की जांच कराने की मांग की गई. अधिवक्ता विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई सभी 183 मुठभेड़ों की भी जांच की मांग की है.
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अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को शनिवार (15 अप्रैल) को प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा के बीच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जब दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए लाया जा रहा था और वह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. कैमरे में कैद हुआ पूरा नरसंहार पुलिस ने तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया है. हमलावर पत्रकार के रूप में आए थे.
उसी दिन बेटे का अंतिम संस्कार किया गया
घटना से चंद घंटे पहले 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद को उसके एक साथी के साथ दफनाया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के छह वर्षों में असद और उनके सहयोगियों सहित 183 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है. याचिका में अतीक और अशरफ की हत्याओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया है.
अतीक को दफनाया गया
अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया है. दोनों के शव कड़ी सुरक्षा के बीच कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंचे और बाद में उनके परिजनों की मौजूदगी में उन्हें दफना दिया गया. कुछ दिनों पहले मुठभेड़ में मारे गए अतीक के बेटे असद के ठीक बगल में अतीक को दफनाया गया है.
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