AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह दूसरी बार है जब कृष्णैया की हत्या हुई है. लेकिन बिहार आईएएस एसोसिएशन इस मामले को लेकर खामोश है. उन्होंने पूछा कि क्या उस समय लालू यादव सरकार में नहीं थे, क्या वह उनकी पत्नी से नहीं मिले थे. अब कौन सा आईएएस अधिकारी बिहार में अपनी जान जोखिम में डालेगा.
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मीडिया से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा कि IAS अफसर जी कृष्णैया की मॉब द्वारा हत्या कर दी गई थी और आज बिहार सरकार ने जो फैसला लिया है उससे उनकी दोबारा हत्या की जा रही है. CM नीतीश कुमार और RJD नेता तेजस्वी यादव यह भूल रहे हैं कि उस समय किसकी सरकार थी, क्या लालू यादव उस समय जी कृष्णैया की पत्नी से मिले थे? आखिर क्या वजह है कि एक आदमी को छोड़ने के लिए आप कानून में संशोधन कर रहे हैं?
बिहार सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में विपक्षी एकता के नाम पर घूम रहे हैं और खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बता रहे हैं. आप 2024 में दलित समुदाय को बोलेंगे कि आपने एक दलित अफसर की हत्या करने वाले व्यक्ति को छोड़ दिया.
बिहार सरकार द्वारा पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर संशोधन के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाली एडवोकेट अलका वर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इसका प्रयोजन क्या है? ऐसा कोई भी संशोधन जनहित में होना चाहिए, ये जनहित में नहीं है. यह मनमानी कार्रवाई है. यह संशोधन मनमाना है और यह अनुचित है.
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