मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की कैटेगरी में शामिल करने की मांग को लेकर भड़की हिंसा बढ़ती जा रही है. जिसके बाद प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए इंफाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी सहित आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया. इतना ही नहीं राज्य सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी है.
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जिला प्रशासन ने आदेश दिया कि चुराचांदपुर जिले के राजस्व अधिकार क्षेत्र विशेषकर कंगवाल, तुइबोंग और चौराचांदपुर अनुमंडल में तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. बिष्णुपुर जिले के पूरे अधिकार क्षेत्र में पांच या अधिक व्यक्तियों को एक जगह पर जमा होने पर भी रोक लगा दी गई है. स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सेना और असम राइफल्स द्वारा आज फ्लैग मार्च किया गया.
इस घटना को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं. ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं. राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है.
#WATCH 24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं। राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह pic.twitter.com/BaQIZuHcJS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 4, 2023
उधर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है और राज्य में स्थिति का जायजा लिया है, जहां जनजातीय समूहों द्वारा कई जिलों में रैलियां निकालने के बाद कानून व्यवस्था बाधित हुई है. RAF की कुछ कंपनियों को राज्य में भेजा गया है. हालांकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना और अर्धसैनिक बल पहले से ही वहां तैनात हैं.
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