फिल्म द केरल स्टोरी रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है. इस फिल्म को कुछ राज्यों में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जबकि कुछ राज्यों ने इसे कर मुक्त कर दिया है. बैन और बॉयकॉट ट्रेंड के बीच द केरल स्टोरी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है. बेहद कम बजट में बनी फिल्म को लेकर लोग दो गुटों में बंट गए हैं. इतना ही नहीं इस फिल्म को लेकर सियासत भी तेज हो गई है.
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इस बीच असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान सामने आया है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा. यह फिल्म किसी समुदाय के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ है. जिन्होंने भी इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया उनको लगता है कि यह फिल्म मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ है, ऐसा नहीं है. बल्कि यह फिल्म ISIS के ख़िलाफ़ है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ और सोशल मीडिया पर चल रहे असल इंटरव्यू देखने के बाद साबित होता है कि केरल अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. आतंकवादी संगठनों द्वारा मासूम महिलाओं का इस्तेमाल किए जाने पर केरल की जनता को अपनी आवाज़ उठानी चाहिए. असम में ऐसे मामले नहीं हैं लेकिन महिलाओं के धर्म परिवर्तन की घटनाएं जरूर सामने आई हैं.
बंगाल में लग चुका है बैन
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों राज्य सचिवालय में इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. यह नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि “द कश्मीर फाइल्स” क्या है? यह एक वर्ग को अपमानित करना है. इसी तरह से “द केरल स्टोरी” क्या है?… यह एक विकृत कहानी है.
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