गांधीनगर: भारत में सरकारी स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा को लेकर कई सवाल उठते रहते हैं. जब बच्चों को अच्छी शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है तब उनमें बुनियादी विकास ज्यादा दिखता है. कई बार माता-पिता महंगे स्कूल में शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर पाते हैं, बावजूद इसके बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए अभिभावक संघर्ष करते हैं और निजी स्कूल में ही पढ़ाते हैं.
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इस बीच गुजरात सरकार अमेरिका में रह रहे गुजरातियों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. इससे अब गुजराती बच्चे अमेरिकी स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. गुजरात सरकार ने अमेरिका में चलाए जा रहे चार्टर्ड स्कूलिंग कॉन्सेप्ट को अपनाया है. सरकार इस कॉन्सेप्ट के लिए 135 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी कर चुकी है.
गौरतलब है कि अमेरिका में चल रही चार्टर स्कूलिंग अवधारणा विशेष प्रकार के स्कूल बनाती है, जिसमें सरकार प्रति छात्र वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि छात्र चार्टर स्कूल में जा सके और शिक्षा प्राप्त कर सकें. अमेरिका में सरकार एक विशेष परियोजना चला रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो छात्र आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं उनका भविष्य आर्थिक तंगी के कारण अंधकारमय न हो जाए. अमेरिका के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को करीब 20 हजार डॉलर से लेकर 40 हजार डॉलर तक सालाना फीस देनी पड़ती है. चार्टर स्कूल की अवधारणा ऐसे कई छात्रों के लिए शुरू की गई है जिनके माता-पिता आर्थिक रूप से इतनी महंगी फीस देने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे स्कूल में प्रवेश पाने के लिए छात्रों के लिए एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है. परिणाम के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है और उसके आधार पर छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया जाता है.
अमेरिका में कई साल से रहने वाले और मूल रूप से गुजरात के डॉक्टर किरण पटेल फ्लोरिडा राज्य में अपना स्कूल चलाते हैं. चार्टर्ड स्कूलिंग कॉन्सेप्ट के तहत वे अमेरिका में 1200 छात्रों को मुफ्त शिक्षा देते हैं.
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