महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई बगावत के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. उद्धव ठाकरे गुट के कई नेता पाला बदल चुके हैं. अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है. उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है. 1 जुलाई को मुंबई में शिंदे सरकार के खिलाफ महामार्च निकालने से पहले उद्धव ठाकरे के लिए यह बड़ा झटका कहा जा सकता है.
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राहुल कनाल ने पार्टी छोड़ने का ऐलान करने के बाद कहा कि उद्धव ठाकरे कुछ लोगों के इशारे पर पार्टी चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे कुछ लोगों की सलाह पर फैसले लेते हैं और उन्हें दूसरों को पार्टी में शामिल करने की कोई इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले साल मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला था, अब इस मामले में मुझे क्लीन चिट मिल गई है. उन्होंने कहा कि शनिवार (1 जुलाई) शाम 4 बजे के बाद मैं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होऊंगा और फिर मीडिया से बात करूंगा.
आदित्य के करीबी माने जाने वाले राहुल कनाल ने हाल ही में युवा सेना की वर्किंग कमेटी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल शिंदे के ग्रुप में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले एमएलसी मनीषा कायंदे भी उद्धव गुट से नाता तोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो गई थीं.
कैसे शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई?
2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया था. शिवसेना ने दावा किया कि भाजपा मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे से पीछे हट गई है. जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का गठन किया था, इस गठबंधन के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने विद्रोह किया और सरकार गिरा दी. उसके बाद उन्होंने भाजपा के साथ सरकार बना चुके हैं और पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी अब उनके नाम हो गया है.
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