दिल्ली: मणिपुर में एक समुदाय की दो महिलाओं को बिना कपड़ों के नग्न घुमाए जाने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस वीडियो के सामने आने के बाद संसद में विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में जमकर हंगाम किया जिसकी वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई.
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मणिपुर मुद्दे पर संसद में हंगामा
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. इसके साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
कांग्रेस सांसद ने दिया स्थगन प्रस्ताव
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर संसद में बहस के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है. किसी मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने और जनहित के किसी मुद्दे पर तुरंत चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है. स्थगन प्रस्ताव पेश करने के लिए संसद के 50 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है.
तेज हुई सियासत
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस मामले को लेकर कहा कि आज सदन की कार्रवाई और व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में विपक्ष का रवैया देखकर ये स्पष्ट हो जाता है कि वो मन बनाकर आए थे कि सदन की कार्रवाई नहीं चलने देंगे. शायद उनको परेशानी है कि प.बंगाल में जिस प्रकार से हिंसा की घटनाएं हुई हैं और छत्तीसगढ़ व राजस्थान में नारी शक्ति का बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां हैं ऐसे में सरकार ने जब स्पष्ट कर दिया कि हम मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं उसके बावजूद कांग्रेस और बाकि विपक्षी दल सदन की कार्रवाई को रोका, ये स्पष्ट करता है कि विपक्ष सदन की कार्रवाई को चलने नहीं देना चाहती है.
वहीं इस मामले को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ी जो अच्छी बात है लेकिन मणिपुर में अब तक जो हुआ, जो लूट मची, मणिपुर जल रहा था, इतनी बर्बरता हुई थी तब प्रधानमंत्री ने चुप्पी क्यों साधी हुई थी? गृह मंत्री चुप क्यों थे? इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री ने अपना बयान दिया वे पहले क्यों चुप थे. वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. हमारे देश में इस तरह की घटना घटित होना शर्म की बात है.
इस घटना को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को 2 महीने के बाद ख्याल आया कि वहां कूकी समुदाय के लोगों का नरसंहार हो रहा है. उन्होंने मजबूरी में प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है कि किस प्रकार से वहां महिलाओं को पुलिस की गिरफ्त से निकाल कर उनके साथ बर्बरता की गई.
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