दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीकर आगमन से पहले ही राजस्थान में सियासत गरमा गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. गहलोत ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम से उनके तीन मिनट के भाषण को हटा दिया गया है. उन्होंने ट्विटर पर पीएम का स्वागत करते हुए अपनी छह मांगें भी रखीं. उसके बाद पीएमओ ने गहलोत के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि सीएमओ कार्यालय राजस्थान ने कहा था आप उपस्थित नहीं हो पाएंगे.
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पीएमओ ने ट्वीट में लिखा कि आपका भी स्वागत है…
गहलोत की शिकायत के जवाब में पीएमओ ने कहा, प्रोटोकॉल के तहत आपको आमंत्रित किया गया और भाषण के लिए स्लॉट दिया गया था. लेकिन सीएमओ कार्यालय ने कहा कि आप नहीं आ सकेंगे. पीएमओ ने यह भी कहा कि उन्हें पीएम मोदी के पहले के कार्यक्रमों में भी आमंत्रित किया जा चुका है. पीएमओ ने यह भी कहा कि अगर हालिया चोट के कारण आने में कोई दिक्कत नहीं हो तो वह आ सकते हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि आज के कार्यक्रम में आपका भी स्वागत है. विकास कार्यों की पट्टिका पर भी आपका नाम है.
गहलोत के इस ट्वीट से मचा बवाल
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं. आपके कार्यालय PMO ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं. आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केन्द्र की भागीदारी का परिणाम है. इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है जिसमें 2,213 करोड़ केन्द्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है. मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं.
मैं इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से जो मांग रखता वो इस ट्वीट के माध्यम से रख रहा हूं. आशा करता हूं 6 महीने में की जा रही इस सातवीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरी करेंगे-
1. राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर स्कीम को वापस लेकर सेना में परमानेंट भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए.
2. राज्य सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी को-ऑपरेटिव बैंकों से 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के कर्जमाफ किए हैं. हमने केन्द्र सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जमाफ करने के लिए वन टाइम सैटलमेंट का प्रस्ताव भेजा है जिसमें किसानों का हिस्सा हम देंगे. इस मांग को पूरा किया जाए.
3. राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए संकल्प पारित कर भेजा है. केन्द्र सरकार इस पर अविलंब निर्णय ले.
4. NMC की गाइडलाइंस के कारण हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों में केन्द्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है. ये पूरी तरह स्टेट फंडिंग से बन रहे हैं. इन आदिवासी बाहुल्य तीनों जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी केन्द्र सरकार 60% की फंडिंग दे.
5. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया जाए.
मेरा आपसे निवेदन है कि आप इन मांगों पर आज सकारात्मक रुख अपनाकर प्रदेश वासियों को आश्वस्त करें.
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