नई दिल्ली: पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिकों को पड़ोसी देश परेशान कर रहा है. हालात यह हो गए हैं कि नौ महीने में छह भारतीयों की पाकिस्तान की जेलों में मौत हो गई है. ये मौतें कैसे हुईं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, मरने वाले छह कैदियों में से पांच मछुआरे हैं. पाकिस्तान में कैद अपने लोगों को रिहा करने के लिए भारत कई बार पड़ोसी देश के सामने इस मुद्दे को उठा चुका है. उसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान में बंद भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले 9 महीने में पाकिस्तान की हिरासत में 6 भारतीय लोगों की मौत हुई है जिसमें से 5 मछुआरे थे. इन सभी 6 लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली थी. भारत के द्वारा उनकी देश वापसी की अपील के बावजूद उन्हें गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखा गया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे कहा कि भारतीय कैदियों की पाकिस्तान में कैद के दौरान मृत्यु के बढ़ते मामले चिंता का विषय है. भारतीय कैदियों की सुरक्षा का मुद्दा इस्लामाबाद में हमारे हाई कमीशन द्वारा बार-बार उठाया गया है. पाकिस्तान सरकार से अपील है कि सभी भारतीय कैदियों को तुरंत रिहा करके भारत भेजा जाए.
चीन और म्यांमार का उठाया मुद्दा
चीन के साथ LAC पर विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि LAC पर डिसइंगेजमेंट के जो कदम जरूरी हैं, अभी उस स्थिति तक नहीं पहुंचे हैं. ऐसा कहना सही नहीं होगा कि स्थिति सामान्य है. कुछ सकारात्मक कदम हुए हैं, लेकिन कुछ कदम अभी शेष हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि म्यांमार में फंसे लगभग 50 लोगों को निकाला गया है. कुछ लोग म्यांमार पुलिस के पास हैं क्योंकि वे अवैध तरीके से वहां गए थे. हम उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ और लोग अभी भी बंदी हैं जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है.
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