गांधीनगर: गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. उससे पहले राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता पर बड़ा दांव खेला है. आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में एक विशेष समिति के गठन का ऐलान किया गया है. गृह मंत्री हर्ष संघवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में इसके कार्यान्वयन के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की.
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वहीं इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने ट्वीट कर लिखा “राज्य में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता की जांच करने और इसके लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट/ हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में आज महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.”
कैबिनेट बैठक में लिए गए इस फैसले के बाद गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. बैठक में समान नागरिक संहिता के लिए एक समिति का गठन करने का फैसला हुआ है.
उल्लेखनीय है कि यह समिति समान नागरिक संहिता की संभावनाओं की जांच करेगी. इसके लिए विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा. इस बात की प्रबल संभावना है कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश समिति की अध्यक्षता करेंगे. गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि संविधान के अध्याय 4 के अनुच्छेद 44 में राज्यों को ऐसा करने का अधिकार दिया गया है. भाजपा सरकार ने हमेशा ऐसी स्थिति पैदा करने का काम किया है जहां हर नागरिक के लिए समान कानून हो. इसके अलावा विभिन्न संगठन भी समान नागरिक संहिता कानून की मांग कर चुके हैं. इसलिए इस संबंध में संभावनाओं की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया है.
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