अहमदाबाद: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नई टीम पहले की तुलना में काफी छोटी है. आठ नेताओं को ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया है लेकिन इनमें से एक नाम के साथ अनोखा संयोग जुड़ा हुआ है. द्वारका की खंभालिया सीट से जीतकर आए मुलुभाई बेरा ऐसे विधायक हैं, जो जिनती बार विधायक बने हैं उनको उतने बार मंत्री बनने का भी मौका मिला है. इस बार उन्हें फिर से खंभालिया में कमल खिलाने का इनाम मिला है. यहां उन्होंने न सिर्फ आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी को हराया बल्कि कांग्रेस के दिग्गज नेता विक्रम माडम को भी तीसरे नंबर पर धकेल दिया.
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जाम खंभालिया में पैदा हुए मुलुभाई बेरा की यह सफलता बहुत बड़ी मानी जाती है. मुलुभाई को नई सरकार में पर्यटन, सांस्कृतिक गतिविधियों, वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी दी गई है.
पांचवीं बार बने मंत्री
मुलुभाई बेरा पहली बार 26 साल की उम्र में मंत्री बने थे. वह खंभालधिया से पहली बार चुनाव जीते हैं. इससे पहले वे भानवड़ विधानसभा सीट से जीतते रहे हैं. 1995 में जब मुलु बेरा पहली बार विधायक बने, तब उनको 1995 से 1998 तक सामाजिक सुरक्षा और समाज कल्याण उप मंत्री बनाया गया था. उसके बाद उन्होंने 1998 से 2001 तक राजस्व, सिंचाई, प्राथमिक शिक्षा, गैर-पारंपरिक ऊर्जा राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. फिर 2001 से 2002 तक वे खान और खनिज मंत्री बने. इस दौरान उन्हें स्वतंत्र प्रभार भी मिला था. उसके बाद मुलु बेरा 2004 से 2007 तक गुजरात राज्य के श्रम और रोजगार मंत्री रहे. अब उनको एक बार फिर भूपेंद्र पटेल की नई टीम में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.
कौन हैं मुलु बेरा?
अहीर जाति से आने वाले मुलुभाई बेरा तीन दशकों से बीजेपी के साथ हैं. वह द्वारका से ताल्लुक रखते हैं और परिमल नाथवानी के करीबी हैं, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज में वरिष्ठ पद पर हैं. परिमल नाथवानी तीसरी बार राज्यसभा सांसद हैं. वह आंध्र प्रदेश से राज्यसभा में हैं. 2022 के चुनाव में भी परिमल नथवाणी की मदद से मुलु बेरा अपनी जन्मभूमि में कमल खिलाने में कामयाब रहे. परिमल नाथवानी के समर्थन से वे गुजरात चुनाव में एक हाई प्रोफाइल सीट से जीतने में सफल रहे हैं. मुलुभाई बेरा का सीधा संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब बीजेपी ने 156 सीटें जीतीं तो मोलूभाई बेरा को न मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है बल्कि उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया है. 57 साल के मोलूभाई बेरा ने 10वीं तक पढ़ाई की है.
भूपेंद्र पटेल सरकार के कैबिनेट में करीब 25 फीसदी मूल कांग्रेसियों की भागीदारी
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