9 नवंबर को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से, धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के 6,844 मामलों का निपटारा किया है. इस दौरान दर्ज मुकदमों की तुलना में एक हजार से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया जा चुका है. 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच 5,898 नए मामले सामने आए, जबकि निस्तारित मामलों की संख्या ज्यादा है.
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सुप्रीम कोर्ट प्रशासन द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 29 कार्य दिवसों में निपटाए गए कुल 6,844 मामलों में से 2,511 मामले जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं से संबंधित थे, जिनमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पारिवारिक विवाद के मामले शामिल थे. 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच 10 दिन ऐसे थे जब सुप्रीम कोर्ट ने 300 से ज्यादा मामलों का निपटारा किया.
सीजेआई के नेतृत्व में तेजी से काम हुआ
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने सीजेआई का पदभार संभालने के बाद से स्पीडी ट्रायल और डिस्पोजल का संदेश दिया था. सीजेआई ने कहा कि मामलों की सुनवाई में जमानत और तबादला आवेदनों के जल्द निस्तारण पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने घोषणा की कि नई व्यवस्था में व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी.
नए सीजेआई के नेतृत्व में, सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिदिन औसतन 236 मामलों का फैसला किया. जिनमें से 90 मामले जमानत और तबादले के आवेदन के थे. सीजेआई के तौर पर अपनी योजनाओं के बारे में बात करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच हर दिन 10 जमानत और 10 ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. स्थानांतरण याचिका के मामलों में वैवाहिक विवाद शामिल हैं, जहां पति-पत्नी में से कोई एक मामले को दूसरी जगह स्थानांतरित करना चाहता है. संविधान के साथ-साथ सिविल और आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत, केवल सर्वोच्च न्यायालय के पास मामलों को एक अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की शक्ति है.
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