अहमदाबाद: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को गुजरात विद्यापीठ का चांसलर बनाए जाने के विरोध में विद्यापीठ के 8 ट्रस्टियों ने इस्तीफा दे दिया है. विद्यापीठ में कल वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन होने वाला है उससे पहले संस्था में जारी अंदरुनी विरोध खुलकर सामने आ गई है.
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कल आधिकारिक तौर पर कुलाधिपति का पदभार ग्रहण करेंगे
आचार्य देवव्रत को चांसलर नियुक्त करने के लिए गुजरात विद्यापीठ में न्यासी बोर्ड द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसके अनुसरण में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने विद्यापीठ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिए गए निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. इसलिए कल 18 तारीख को वे विद्यापीठ के वार्षिक दीक्षांत समारोह में नए कुलाधिपति के रूप में आधिकारिक रूप से कार्यभार संभालेंगे. विद्यापीठ में चल रहे विवाद और कदाचार को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि कुलाधिपति की जिम्मेदारी संभालने के बाद वह बड़े और कड़े फैसले ले सकते हैं.
विद्यापीठ की मौजूदा चांसलर इलाबेन के इस्तीफे के बाद नए चांसलर के रूप में किसे नियुक्त किया जाए, यह तय करने के लिए कुछ समय पहले न्यासी बोर्ड की बैठक हुई थी. इस बैठक में राज्यपाल आचार्य देवव्रत के नाम का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव को 13 से अधिक ट्रस्टियों ने समर्थन किया था जिसके बाद बहुमत के आधार पर राज्यपाल को नए कुलाधिपति के रूप में देवव्रत को आमंत्रित किया गया है.
8 ट्रस्टियों ने दिया इस्तीफा
अब न्यासी बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ 8 ट्रस्टियों ने इस्तीफा दे दिया है. विद्यापीठ का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को विद्यापीठ के कुलाधिपति का पद स्वीकार करने के लिए आमंत्रित करने गया था. गुजरात के राज्यपाल ने विद्यापीठ के इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
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