नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी खत्म हो गया है. लोकसभा और राज्यसभा में उद्योगपति गौतम अडानी और राहुल गांधी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर तकरार हुआ जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच कांग्रेस की सहयोगी पार्टी एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने अडानी मामले को लेकर बड़ा बयान देकर विपक्ष की एकता को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
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अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेपीसी जांच की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे. टाटा का देश में योगदान है. आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है.
अडानी मुद्दे पर विपक्ष द्वारा JPC की मांग को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि JPC की मांग हमारे सभी साथियों ने की, ये बात सच है मगर हमें लगता है कि JPC में 21 में से 15 सदस्य सत्ताधारी पार्टी के होंगे. यहां ज्यादातर लोग सत्ताधारी पर्टी के हों वहां देश के सामने सच्चाई कहां तक आएगी.
सहयोगी दल का सामने आया बयान
एनसीपी मुखिया के इस बयान के बाद विपक्ष की एकता पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. वहीं एनसीपी की सहयोगी दल कांग्रेस और शिवसेना नेताओं का बयान सामने आया है. इस मामले को लेकर संजय राउत ने कहा कि अडानी मामले पर चाहे तृणमूल कांग्रेस हो या NCP की अपनी-अपनी अलग राय हो लेकिन इससे विपक्ष की एकजुटता में कोई दरार नहीं आएगी.
NCP प्रमुख शरद पवार के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ये उनका व्यक्तिगत मत हो सकता है. कोयला घोटाले के मामले में भी कोर्ट की कमेटी बैठाई गई थी लेकिन विपक्ष के कहने पर JPC की गई थी. अडानी मुद्दे पर JPC होनी ही चाहिए.
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