अहमदाबाद: शहर में राष्ट्रीयकृत बैंक से लेकर निजी बैंकों तक में कुछ लोगों ने असली नोट के साथ नकली नोटों को भी जमा करवा दिए हैं. स्वाभाविक है कि नकली नोटों से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होता है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अकेले अहमदाबाद में ही 14 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट जमा किए गए हैं तो गुजरात और देश में कितनी नकली नोट चलन में होगा और मोदी सरकार के इस फैसले का क्या होगा जिसमें अचानक से नोटबंदी कर नकली नोट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया गया था.
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आज अहमदाबाद में जिस तरीके से 14 लाख से ज्यादा नकली नोट अलग-अलग बैंकों से मिले हैं, उससे सवाल उठने लगा है कि अगर बैंक नकली नोटों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं तो आम आदमी उन्हें कैसे पहचान पाएगा. बता दें कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई गई है कि अहमदाबाद के 19 अलग-अलग बैंकों में एक साल के दौरान 14.31 लाख रुपये के नकली नोट चलन में आए हैं.
सबसे हैरानी की बात यह है कि असली नोटों के साथ चिल्ड्रेन नोट भी बैंकों में जमा कराये गये थे. पिछले एक साल के दौरान अहमदाबाद शहर के विभिन्न बैंकों में नकली नोट पाए गए है. फिलहला इन नोटो को एसओजी जमा कर आगे की कार्रवाई कर रही है. जिसके अनुसार 2000 रुपये के 205 नकली नोट, 500 रुपये के 1585 नकली नोट, 200 रुपये के 569 नकली नोट, 100 रुपये के 1095 नकली नोट, 50 रुपये के 102, 20 रुपये के आठ और 10 रुपये के दस नोट शामिल हैं.
लोगों ने इन नकली नोटों को असली नोटों के साथ जमा कराया है. जिसकी कुल कीमत 14.31 लाख है. ये नकली नोट एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, डीसीबी बैंक, सारस्वत बैंक, एयू स्मॉल बैंक, कालूपुर बैंक, यश बैंक, आईडीबीआई, अभ्युदय ऑपरेटिव बैंक, गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और कर्णावती बैंक शामिल हैं.
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