केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस वक्त अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की. इस मौके पर अमित शाह ने चीन को करारा जवाब दिया. दरअसल चीन ने शाह के दौरे को लेकर कहा था कि उनका यह दौरा शांति के लिए खतरा हो सकता है और सीमा पर दोनों देशों की वस्तुस्थिति को बिगाड़ सकता है.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 21 अक्टूबर 1962 में तत्कालिन कुमाऊं रेजीमेंट के 6 अधिकारियों ने यहां पर जिस बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जिससे भारत की भूमि की रक्षा हो पाई मैं उन्हें मनपूर्वक श्रद्धाजंलि देना चाहता हूं, वो संख्या में कम थे और हथियारों में भी छोटे थे. लेकिन 1963 में टाइम मैगजीन में लिखा था कि जो किबिथू में लड़ाई हुई उसमें भारतीय सेनाओं के पास हथियार तो कम थे लेकिन वीरता समग्र विश्व की सेनाओं से सबसे भरपूर वीरता थी.
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज पूरा देश अपने घरों में निश्चिंत होकर सो रहा है इसका कारण हमारे ITBP के जवान और थल सेना का पराक्रम, त्याग एवं बलिदान है. आज हम गर्व के साथ कहते हैं कि अब वो जमाने चले गए जब भारत की भूमि का कोई अतिक्रमण कर सकता था. 2014 से पहले पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को एक समस्या ग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले 9 वर्षों में पीएम मोदी की ‘लुक ईस्ट’ नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब समस्या ग्रस्त क्षेत्र नहीं माना जाता है, अब पूर्वोत्तर देश के विकास में योगदान करता है इससे जाना जाता है.
अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से चीन की धमकी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं गृह मंत्री के नाते कहता हूं कि जब तक ITBP का जवान चीनी सीमा पर मौजूद है तब तक चीन हमारी सुई के नोक जितनी भी ज़मीन का अधिग्रहण नहीं कर सकता. किसी की भी हिम्मत नहीं है कि हमारी एक इंच भूमि पर भी अतिक्रमण करे.
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