नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यह नोटिस बैन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सेंसर करने से केंद्र सरकार को रोकने के निर्देश की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सी यू सिंह ने दलील देते हुए कहा कि ट्विटर से लिंक हटा दिया गया है और डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के लिए कार्रवाई हो रही है. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि हम सरकार से इससे जुड़े आदेश की फाइल मांग रहे हैं.
क्या है मामला
केंद्र सरकार ने आईटी रूल्स 2021 की धारा 16 के तहत डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी है. इस नियम को आधिकारिक तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के रूप में भी जाना जाता है. 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित नियम, सरकार को आपात स्थिति की स्थिति में सूचना को ब्लॉक करने और किसी भी सामग्री को तुरंत हटाने की अनुमति देते हैं.
अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी दायर की थी याचिका
याचिकाकर्ता के मुताबिक न्यायालय को यह तय करना चाहिए कि क्या देश के नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (2) के तहत अभिव्यक्ति के अधिकार के तहत 2002 के गुजरात दंगों की खबरें, तथ्य और रिपोर्ट देखने का अधिकार है? क्या केंद्र सरकार प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर अंकुश लगा सकती है? क्या केंद्र सरकार राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 352 को लागू किए बिना आपातकाल घोषित किए बिना आपातकालीन प्रावधानों को लागू कर सकती है? याचिका में दावा किया गया है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में ऐसे रिकॉर्डेड तथ्य और सबूत हैं, जिनका इस्तेमाल पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए किया जा सकता है.
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