बिहार के बक्सर में जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी किसान और पुलिस आमने-सामने आ गए. दरअसल किसान उचित मुआवजा की मांग को लेकर बिजली कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम के सामने विरोध कर रहे थे. जिसकी वजह से निगम का कामकाज बाधित हो गया था. मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों के साथ मारपीट कर वहां से भगा दिया. अब इस मामले को लेकर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने महागठबंधन सरकार पर निशाना साधा है.
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बक्सर हिंसा को लेकर भाजपा नेता सुशील मोद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि रात 12 बजे किसी के घर जाकर लाठी चार्ज करना, जो कि कोई अपराधी नहीं थे सामान्य किसान थे, हो सकता है कि उनकी पुलिस के झड़प हुई हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि किसी की घर में पटाई कर दें. ऐसे पुलिसकर्मियों का तबादला नहीं उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.
इसके अलावा सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि किसानों ने ही 600 एकड़ जमीन सराकर को दी है बाकी जमीन के लिए तत्काल के रेट अनुसार भुगतान हुआ है तो 2022 में 2013 के रेट पर क्यों भुगतान होगा?
वहीं इस मामले को लेकर एलजीपी नेता चिराग पासवान ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सीएम नीतीश कुमार लोगों के समाधान यात्रा पर निकले हैं तो वो पहले बक्सर का समाधान करें ना…आज अगर किसान अगर मौजूदा सर्किल रेट पर अपना मुआवजा मांगता है तो उस अधिकार से उसे वंचित किया जाता है. सीएम जी इसका जवाब दें? इसका क्या समाधान है?
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