कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बजरंगबली को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर सियासी बयानबाजी हुई थी. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में ऐलान किया था कि राज्य में सरकार बनने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. कर्नाटक में चुनावी प्रचार के दौरान खड़गे ने बजरंग दल को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. अब इस मामले में पंजाब की संगरूर जिला अदालत ने खड़गे को मानहानि का समन भेजा है.
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बजरंग दल को राष्ट्र विरोधी संगठन बताया था
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना देश विरोधी संगठनों सिमी और पीएफआई से की थी. इसके साथ ही कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था. खड़गे के खिलाफ बजरंग दल हिंदुस्तान के संस्थापक हितेश भारद्वाज ने याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया है.
खड़गे के खिलाफ 100 करोड़ के मानहानि का केस
कांग्रेस के चुनावी घोषणा के खिलाफ हिंदू सुरक्षा परिषद और बजरंग दल हिंदुस्तान के संस्थापक हितेश भारद्वाज ने मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ संगरूर की अदालत में 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है. इस मामले में सीनियर डिवीजन जज रमनदीप कौर ने खड़गे को 10 जुलाई को संगरूर अदालत में तलब किया है.
कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में क्या था वादा?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर जारी घोषणापत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी. इसमें वादा किया गया है कि हमारी पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं. बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों और अन्य के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देने वाले बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगा दिया जाएगा.
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