अहमदाबाद: भाजपा विधायक हार्दिक पटेल की परेशानी बढ़ गई है. ध्रांगध्रा कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने की वजह से हार्दिक पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. ध्रांगध्रा सिविल कोर्ट में सुनवाई के दौरान हार्दिक पटेल मौजूद नहीं थे, जिसके बाद कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. इससे पहले हार्दिक पटेल को जामनगर के धूणसिया में विवादित भाषण देने के पांच साल पुराने मामले में जामनगर की कोर्ट ने बरी कर दिया था.
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वीरमगाम विधायक हार्दिक पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. भाजपा और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए ध्रांगध्रा के हरिपुर गांव में एक जनसभा को संबोधित कर आचार संहिता का उल्लंघन किया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामला कोर्ट के हवाले कर दिया था। हार्दिक पटेल सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुए जिसकी वजह से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
हार्दिक पर 20 मुकदमा दर्ज
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में हार्दिक पटेल के बारे में कुछ जानकारी सामने आई थी. जिसके तहत हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह के दो मामलों समेत 20 मुकदमे दर्ज हैं. जबकि हार्दिक पटेल ने एफिडेविट में अपनी कुल संपत्ति 61.48 लाख बताई है. हार्दिक पटेल पर 20 आपराधिक मामले लंबित हैं. ये मामले 2015 में हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज किए गए थे जब उन्होंने पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किया था.
हार्दिक पटेल के खिलाफ अहमदाबाद ग्रामीण कोर्ट में भी चल रहा है मुकदमा
जामनगर कोर्ट ने भले ही हार्दिक पटेल को बेगुनाह करार दिया हो, लेकिन उनके खिलाफ अहमदाबाद में भी एक पुराने मामले को लेकर मुकदमा चल रहा है. हार्दिक पटेल के खिलाफ 2018 में अहमदाबाद के निकोल में शिकायत दर्ज कराई गई थी.
वीरमगाम सीट से हार्दिक पटेल जीते
2017 में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, उसके बाद हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वीरमगाम सीट से हार्दिक पटेल को टिकट दिया था. इस सीट से हार्दिक पटेल ने 51 हजार के भारी मार्जिन से जीत हासिल की है. हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के उम्मीदवार लाखा भारवाड़ को चुनाव हरा दिया था.
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