नागपुर: RSS प्रमुख मोहन भागवत विजयादशमी समारोह में शामिल हुए. मुख्य अतिथी के रूप में माउंट एवरेस्ट पर 2 बार चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही संतोष यादव उपस्थित रहीं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहें. इस मौके पर पर्वतारोही संतोष यादव ने कहा कि अक्सर मेरे व्यवहार और आचरण से लोग मुझसे पूछते थे कि ‘क्या मैं संघी हूं?’ तब मैं पूछती की वह क्या होता है? मैं उस वक्त संघ के बारे में नहीं जानती थी. आज वह प्रारब्ध है कि मैं संघ के इस सर्वोच्च मंच पर आप सब से स्नेह पा रही हूं.
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वहीं इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शक्ति शांति का आधार है. हमें महिलाओं के साथ समान व्यवहार करके और उन्हें अपने निर्णय लेने की स्वतंत्रता देकर उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता है. संघ प्रमुख ने आगे कहा कि जो सब काम मातृ शक्ति कर सकती है वह सब काम पुरुष नहीं कर सकते, इतनी उनकी शक्ति है और इसलिए उनको इस प्रकार प्रबुद्ध, सशक्त बनाना, उनका सशक्तिकरण करना और उनको काम करने की स्वतंत्रता देना और कार्यों में बराबरी की सहभागिता देना अहम है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आगे कहा कि रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी, अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती है. बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है.
विजयादशमी उत्सव के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने आगे कहा कि यह सही है कि जनसंख्या जितनी अधिक उतना बोझ ज़्यादा. जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया तो वह साधन बनता है. हमको भी विचार करना होगा कि हमारा देश 50 वर्षों के बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है. इसलिए जनसंख्या की एक समग्र नीति बने और वह सब पर समान रूप से लागू हो.
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