नई दिल्ली: अदाणी समूह ने अपनी प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को वापस ले लिया है. उसके बाद खुद गौतम अदाणी ने आगे आकर निवेशकों को समझाया और एफपीओ वापस लेने की वजह बताई. 20,000 करोड़ रुपये के इस एफपीओ को 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खोला गया था और इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया था और 31 जनवरी को बंद कर दिया गया था.
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क्यों वापस लिया एफपीओ?
गौतम अदाणी ने कहा कि पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा. लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा.
अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है. इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है. इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम समय पर क्रियान्वयन पर ध्यान देना जारी रखेंगे.
अदाणी के मुताबिक बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी और बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे. हमारा ईएसजी पर खासा फोकस है और हमारा हर बिजनेस जिम्मेदार तरीके से वैल्यू क्रिएट करता रहेगा. हमारे गवर्नेंस सिद्धांतों का सबसे मजबूत सत्यापन, हमारी कई अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों से आता है.
एफपीओ क्या है?
फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर को सेकेंडरी ऑफर के रूप में भी जाना जाता है. यह वह प्रक्रिया है जिसके तहत स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है.
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