गांधीनगर: गुजरात शिक्षा बोर्ड द्वारा आमतौर पर आयोजित की जाने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर ट्रैकिंग सिस्टम पिछले तीन वर्षों से लागू किया जा रहा है और इसके कारण पेपर के बंडलों को जीपीएस द्वारा तब तक ट्रैक किया जाता है जब तक कि वे स्ट्रांग रूम से केंद्र तक नहीं पहुंच जाते हैं. उसके बाद जब पेपर के बंडल परीक्षा केंद्र पर पहुंच जाते हैं उसे छह तरफ से खोला जाता है, और फिर फोटो खींचकर उसके फोटो को सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जाता है. परीक्षा समाप्त होने पर भी फोटो अपलोड किया जाता है.
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अब गुजरात राज्य परीक्षा बोर्ड 16 अप्रैल को पूरी तरह से ट्रैकिंग सिस्टम लागू करके कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता)-1 परीक्षा आयोजित करेगा. TET-1 और 2 की परीक्षाओं में बोर्ड परीक्षाओं की तरह ही PATA (पेपर बॉक्स ऑथेंटिकेशन एंड ट्रेसिंग एप्लीकेशन) का इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसा करने की वजह से पेपर लीक होने के इस सीजन में जीपीएस के जरिए पेपर के बंडल पर नजर बनाए रखा जाएगा.
इस परीक्षा के प्रश्न पत्रों को केंद्र तक पहुंचने तक ट्रैक किया जाएगा और केंद्र से फोटो खींचकर अपलोड किया जाएगा. इसके अलावा परीक्षा के बाद ओएमआर शीट की भी फोटो खींचकर अपलोड की जाएगी. टीईटी-1 की परीक्षा छह साल बाद राज्य के चार शहरों अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा में आयोजित की जाएगी. कलेक्टर द्वारा कक्षा-1 और कक्षा-2 के अधिकारियों को परीक्षा के पर्यवेक्षक के रूप में रखा जाएगा.
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