अहमदाबाद: आपने इस दुनिया में करोड़पति आदमी तो देखे होंगे लेकिन करोड़पति कुत्ते आपने कभी नहीं देखे होंगे, लेकिन गुजरात में एक ऐसा भी गांव है जहां के कुत्ते भी करोड़पति हैं. आमतौर पर कुत्ते को घर में आते देख लोग उसे डंडे से भगाने की कोशिश करते हैं. लेकिन कुछ लोग कुत्तों से प्यार करते हैं. उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिला में पांचोट नामक एक गाव है. इस गांव की आबादी सात हजार है और गांव के सभी लोग जीवदया का काम करते हैं.
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70 साल पहले गांव में कुतरीयूं करने की प्रथा शुरू हुई थी. कुतरियूं यानी कुत्तों के लिए जमीन अलग करने की परंपरा शुरू हुई थी और इसकी शुरुआत गांव के ईश्वरभाई पटेल ने की थी. गांव में जिन दंपत्तियों के बच्चे नहीं होते वे अपनी जमीन कुत्तों के नाम कर देते थे और यह प्रथा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और आज भी यह प्रथा बरकरार है. कुत्तों के लिए जमीन दान में मिलती रहती है और आज जमीन 22 बीघे तक पहुंच गई हैं. इस गांव में एक बीघा जमीन की कीमत 60 लाख रुपये है और इस हिसाब से जमीन की कुल कीमत 13 करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है.
इस 22 बीघा जमीन को बुवाई के मौसम से पहले नीलाम कर दिया जाता है और किसान को एक साल तक खेती करने का अधिकार दिया जाता है. गांव के जीवदया प्रेमियों ने एक ट्रस्ट का गठन किया है और 2015 से रोटी घर चल रहा है. इतना ही नहीं इस गांव में 12 जगहों का चयन किया गया है और इन जगहों पर छाछ में रोटा तोड़कर कुत्तों को खाने के लिए रखा जाता है.
इतना ही नहीं बल्कि डेयरी से निकलने वाली छाछ कुत्तों के लिए दान की जाती है. महीने में दो बार पूनम और अमास में कुत्तों के लिए लड्डू और शीरा भी बनाया जाता है. इसके अलावा ट्रस्ट द्वारा एक पशु चिकित्सालय भी बनाया गया है जिसका मासिक खर्च करीब दो लाख रुपया है.
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