गांधीनगर: गुजरात सरकार उत्तरायण के त्योहार से पहले दावा कर रही थी कि चाइनीज डोरियों पर संपूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसे लेकर सरकार ने सर्कुलर भी जारी किया था. लेकिन अब इस त्योहार के दौरान मौत और घायलों का जो आंकड़ा सामने आ रहा है उससे लगता है कि सरकार अपने नियमों को अमलीजामा पहनाने में पूरी तरह से नाकाम रही है. इस त्योहार की वजह से 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 130 से ज्यादा लोग घायल हैं. इसमें से कईयों की हालत नाजुक बनी हुई हैं और जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं.
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पतंग की डोर से 11 लोगों की मौत
राज्य के वडोदरा, राजकोट, विसनगर, कलोल, भावनगर, जामनगर, सूरत में पतंगबाजी की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई. जबकि कई लोग छत से गिरकर और वहीं कुछ लोग डोरी की चपेट में आने से घायल हो गए. इसके अलावा पतंग की डोर से सैंकड़ों पक्षी की मौत और हजारों घायल हो गए. कई जगहों पर घायल पक्षियों के इलाज के लिए विशेष केंद्र खोले गए हैं.
भावनगर में रहने वाले उत्तर प्रदेश के पुनीत कुमार यादव अपने परिवार के साथ नई एक्टिवा पर जा रहे थे. इसी दौरान बाइक पर बैठी उनकी 2.5 वर्षीय बेटी कीर्ति यादव के गले में पतंग की डोरी फंस गई, उसे फौरन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई. इसी तरीके से मेहसाणा और राजकोट में भी पंतग की डोर की चपेट में आकर लोगों की मौत की जानकारी सामने आ रही है.
उत्तरायण के दौरान घायल पशु-आपातकालीन मामलों के इलाज के लिए राज्य सरकार के वन विभाग, पशु चिकित्सा अधिकारी सक्रिय हैं. राज्य भर में 1200 से अधिक पक्षियों और 1700 से अधिक घायल पशुओं का इलाज किया गया. लोगों ने इस त्योहार का लुत्फ उठाया है लेकिन उत्तरायण में दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं. अहमदाबाद ही नहीं बल्कि राजकोट, बडोदरा और सूरत में भी डोरी लगने की वजह से कई लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा अहमदाबाद में सबसे ज्यादा 91 मारपीट की शिकायत भी दर्ज हुई है.
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