विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ‘हब’ के रूप में देखती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी की दो साल की अवधि के बावजूद वैश्विक समुदाय यह नहीं भूला है कि आतंकवाद की इस बुराई की जड़ कहां है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘यूएनएससी ब्रीफिंग: ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म अप्रोच: चैलेंज एंड वे फॉरवर्ड’ की अध्यक्षता के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उपरोक्त टिप्पणी की, विदेश मंत्री ने कहा, “वे जो भी कहते हैं, तथ्य यह है कि हर कोई, पूरी दुनिया आज उन्हें आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है.”
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भारत दिसंबर 2022 के महीने के लिए UNSC की अध्यक्षता कर रहा है. इस मौके पर विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कहा कि मैं मुंबई 26/11 आतंकी हमले की बहादुर सर्वाइवर नर्स अंजलि कुलथे को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमारे साथ अपनी यादें साझा की हैं. आज की ब्रीफिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने आतंकवाद विरोधी एजेंडे को फिर से जीवंत करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है. आतंकवाद का खतरा वास्तव में और भी गंभीर हो गया है.
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के मुताबिक हमने अल-कायदा, दाएश, बोको हराम और अल शबाब और उनके सहयोगियों का विस्तार देखा है. आतंकवाद-रोधी संरचना चार बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है जिसमें आतंकवाद का वित्तपोषण, आतंकवाद-रोधी बहुपक्षीय तंत्रों की अखंडता, जवाबदेही और उनके कार्य करने के तरीके सुनिश्चित करना है. आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को संबोधित करना और आतंकवादियों द्वारा नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग शामिल है.
UNSC में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आगे कहा कि हम एक और ‘न्यूयॉर्क का 9/11’ या ‘मुंबई का 26/11’ दोबारा नहीं होने दे सकते. किसी भी देश को आतंकवाद से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए. जब आतंकवाद से निपटने की बात आती है, तो हमें अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करना चाहिए और शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण को प्रकट करना चाहिए. एक चुनौती यह है कि हम दोहरे मानकों से कैसे निपटें. बहुत लंबे समय के लिए कुछ लोग इस दृष्टिकोण को अपना रहे हैं कि आतंकवाद एक अन्य साधन या युक्ति है.
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