श्रीनगर: जम्मू के राजौरी में ग्रामीणों को आतंकियों से लड़ने के लिए हथियार दिए गए हैं. राजौरी के डांगरी में लोगों को 303 और एसएलआर रायफल दी गई है. इसके अलावा ग्रामीणो को उसे चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है. डांगरी वो जगह है जहां कुछ समय पहले हुए आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी. डांगरी के सरपंच के मुताबिक शुरुआती दौर में पूर्व सैनिकों को 10 हथियार दिए गए हैं.
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जिन्हें हथियार दिए गए हैं, उन्हें गांव की सुरक्षा के लिए ग्राम रक्षा समिति में शामिल किया गया है. जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से निपटने के लिए देश का सबसे बड़ा केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) ग्राम विकास समिति वीडीसी के तहत ग्रामीणों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देगा. जम्मू के राजौरी में हुए नरसंहार के बाद यह कदम उठाया गया है.
राजौरी में आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा बल अलर्ट
हाल की आतंकी घटनाओं के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने गणतंत्र दिवस समारोह से पहले जम्मू क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. पुलिस को आशंका है कि आतंकी इलाके में शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ सकते हैं. राजौरी आतंकी हमले में सात लोगों की मौत के बाद किश्तवाड़ जिले में जांच अभियान जारी है. भारतीय सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस पुंछ, डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर घर-घर तलाशी ले रही है.
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