कर्नाटक सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण रद्द करने का फैसला किया है. सीएम के इस फैसले के बाद अब दो नई कैटेगरी में आरक्षण बढ़ा दिया गया है. धार्मिक अल्पसंख्यकों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत लाने का फैसला किया है. विधानसभा चुनाव से पहले लिए गए इस फैसले को भाजपा सरकार का चुनावी दांव माना जा रहा है.
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मुख्यमंत्री बसवराज बोमई ने इसकी जानकारी दी और चार प्रतिशत आरक्षण को दूसरों के बीच समान रूप से साझा करने का फैसला किया. इसे कर्नाटक में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों के लिए मौजूदा आरक्षण में जोड़ा जाएगा. वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के लिए पिछले साल बेलगावी विधानसभा सत्र के दौरान 2सी और 2डी की दो नयी आरक्षण श्रेणियां बनाई गईं थीं.
मुख्यमंत्री के सूत्रों के अनुसार, ओबीसी मुसलमानों के लिए उपलब्ध चार प्रतिशत कोटा वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों के बीच विभाजित किया गया है. जिन मुसलमानों को पहले यह कोटा दिया गया था, उन्हें अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में शामिल कर लिया गया है. कर्नाटक में इसी साल चुनाव होने हैं, ऐसे में इस फैसले को सरकार का चुनाव दांव बताया जा रहा है. इस फैसले के बाद अब कर्नाटक में लिंगायत आरक्षण 5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी किया जाएगा. इसके साथ ही वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण 4 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी किया जाएगा.
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