गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगातार बड़े झटके लग रहे हैं. अब जानकारी सामने आ रही है कि कोडिनार के मौजूदा विधायक टिकट नहीं मिलने की वजह से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कोडिनार से कांग्रेसी विधायक मोहन वाला और पूर्व विधायक धीर सिंह बारड ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि कोडिनार से महेश मकवाना को टिकट मिलने की वजह से दोनों नेता नाराज थे.
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कोडिनार विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन अब भाजपा को कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने का मौका मिल गया है. मौजूदा विधायक मोहन वाला का टिकट काटने और दूसरे उम्मीदवार के ऐलान के बाद कोडिनार में हंगामा हो गया है. इसी का नतीजा है कि प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक और वर्तमान प्रतिनिधि सदस्य के साथ-साथ सौराष्ट्र कारडिया राजपूत के मोभी धीर सिंह बारड और मौजूदा विधायक मोहन वाला ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.
रिकॉर्ड बुक
साल विजेता पार्टी मार्जिन
1998 दीनू बोघा सोलंकी बीजेपी 19449
2002 दीनू बोघा सोलंकी भाजपा 2060
2007 दीनू बोघा सोलंकी भाजपा 32034
2009 बी.डी. करशनभाई कांग्रेस 7942
2012 जेठाभाई सोलंकी बीजेपी 8477
2017 मोहनलाल वाला कांग्रेस 14535
कास्ट फैब्रिक
संख्या और प्रभाव दोनों के मामले में यहां कारडिया क्षत्रिय समुदाय का दबदबा है. प्रतापसिंह मोरी, अर्शीभाई कमलिया, धीरसिंह बारड़, लक्ष्मणसिंह परमार और दीनू बोघा जैसे कारडिया समाज के नेताओं ने इस बैठक का प्रतिनिधित्व किया है. इसके अलावा अहीर, कोली और दलित मतदाता भी काफी संख्या में हैं. इस समय दीनू बोघा के प्रभाव से कारडिया समुदाय का झुकाव बीजेपी की ओर है. लेकिन बीते कुछ वक्त से कांग्रेस ने यहां कोली और दलित मतदाताओं के बीच एक महत्वपूर्ण वोट बैंक बनाया है. अहीर वोटरों को रिझाने के लिए कांग्रेस पड़ोस के तालाला, राजुला से अहीर विधायकों की मदद ले सकती है.
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