अहमदाबाद: “मेरी केदारनाथ जाने की तीव्र इच्छा थी और मैं आर्थिक रूप से सक्षम नहीं था, इसलिए मैंने लागत कम करने और जाने का रास्ता खोजने का फैसला किया, इसलिए मैंने साइकिल से जाने का फैसला किया.” यह शब्द हैं अहमदाबाद के 23 वर्षीय विष्णु पंचाल के हैं. जहां चाह वहां राह, इस कहावत को सच कर के दिखाया है.
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कहा जाता है कि मन दृढ़ हो तो कोई भी काम असंभव नहीं है. अहमदाबाद के सीएन फाइन आर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई करने वाले विष्णु ने हाल ही में अपनी साइकिल से केदारनाथ की यात्रा कर वापस लौटे हैं. इस बारे में विष्णु कहते हैं, ‘अहमदाबाद से केदारनाथ पहुंचने में मुझे 16 दिन लगे. साइकिल से केदारनाथ जाने का मेरा अनुभव बहुत ही रोमांचक रहा. इस यात्रा में मेरे बहुत अच्छे अनुभव रहे हैं. वह कहते हैं कि हरियाणा से मुझे एक और साइकिल से केदारनाथ जाने वाला युवक बन गया जो अब मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया है.
मैंने एक दिन में 100 किमी की दूरी तय करने का लक्ष्य रखा था. जब मैं राजस्थान पहुँचा तो एक ढाबे पर जब खाना खाने बैठा तो मैंने मालिक को अपनी यात्रा के बारे में बताया तो उसने मुझसे खाने का पैसा नहीं लिया और रास्ते में खाने के लिए नाश्ता भी दिया था.
इसी तरीके से हरियाणा में भी मेरी मदद लोगों ने की थी. मैं जितना हो सके हल्का खाना खाता था. खूब पानी पीता था और यात्रा के दौरान शुगर लेवल बनाए रखने का भी ध्यान रखता था. हर दिन एक संघर्ष था लेकिन केदारनाथ जाने की मेरी अटूट इच्छा ने मुझे हौसला दिया और लगातार आगे बढ़ता रहा.
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