राजकोट: हाल ही में आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े तीन संदिग्ध आतंकियों को गुजरात एटीएस ने राजकोट से गिरफ्तार किया था. इन तीनों आतंकियों से रिमांड के दौरान पूछताछ में पता चला कि सैफ नवाज नाम के तीनों आतंकियों में से एक आतंकी पहले 5 साल तक जेतपुर में रह चुका है. वह सोनी बाजार में बंगाली कारीगर के रूप में काम करता था. अब इस मामले की जांच के तार जेतपुर तक पहुंचने की संभावना है.
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मिल रही जानकारी के अनुसार, अल-कायदा के लिए काम करने वाले तीन आतंकवादियों में से एक सैफ उर्फ शोएब नवाज नामक आतंकवादी जेतपुर स्थित बंगाली मुस्लिम भाइयों मोहम्मद खेरुद्दीन और मोहम्मद शाहबुद्दीन शेख के यहां 5 साल तक कारीगर के रूप में काम कर चुका है. फिलहाल सोनी बाजार में मंदी के कारण शाहबुद्दीन ने राजकोट आकर अपना कारोबार शुरू किया था. राजकोट में भी उसने तीन कारीगरों को काम पर रखा था इसमें आतंकवादी सैफ नवाज भी शामिल था.
अब जेतपुर में जांच तेज की जायेगी
जेतपुर के साड़ी उद्योग में 50,000 से ज्यादा प्रवासी कामगार काम करते हैं. एटीएस को पूछताछ में जानकारी हाथ लगी है कि राजकोट से गिरफ्तार किए गए आतंकी अन्य लोगों को अल-कायदा मॉड्यूल से जोड़ने और जिहादी गतिविधियों के लिए काम कर रहे थे, इसलिए अब एटीएस की टीम जेतपुर भी जांच के लिए पहुंच सकती है.
एक्शन मोड में राजकोट पुलिस
उधर राजकोट में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अब बंगाली कारीगरों को आईकार्ड जारी करने का फैसला किया गया है. इतना ही नहीं अब से दूसरे राज्य से आने वाले कारीगरों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है. व्यापारियों को सभी कारीगरों की जानकारी पुलिस को देनी होगी. रजिस्ट्रेशन के बाद कारीगरों को एक आईडी कार्ड दिया जाएगा.
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