गांधीनगर: गुजरात के राजकोट जिला में स्थित सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी हमेशा किसी न किसी मुद्दे की वजह से विवादों में घिरा रहता है. इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक परिपत्र जारी किया है जिसकी वजह से फिर चर्चा शुरू हो गई है. यह परिपत्र लड़कियों की हॉस्टल के लिए सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें छात्राओं के लिए 28 अलग-अलग नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है, जिसमें शालीन और छोटे कपड़े नहीं पहनना शामिल है.
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छात्राओं को छोटे कपड़े न पहनने की अपील
सौराष्ट्र विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए आज जारी एक परिपत्र में गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी के पांच अलग-अलग हॉस्टलों के लिए नियमों का एक सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें अब से छात्राओं को हॉस्टल के प्रार्थना हॉल और डाइनिंग हॉल में छोटे कपड़े नहीं पहनने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा गर्ल्स हॉस्टल की फीस 1000 रुपये प्रति सत्र और बिजली का खर्च 500 रुपये प्रति सत्र निर्धारित किया गया है. इस सर्कुलर में छात्राओं के परिवार की परिचित बहनों को रखने के लिए रेक्टर की अनुमति लेनी होगी. इतना ही नहीं अब गर्ल्स हॉस्टल हाजरी भी ली जाएगी.
ये सिर्फ नियम हैं, सर्कुलर नहीं: प्रभारी कुलाधिपति
इस सर्कुलर के सामने आने पर छात्राओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन मेरिट लिस्ट में हुए घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए इसे लेकर आया है. इसके अलावा छात्राओं ने कहा कि हमें पता है कि किस जगह पर किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए.
इस सर्कुलर को लेकर सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के प्रभारी चांसलर डॉ. गिरीश भिमानी ने कहा कि केवल भोजन लेने जाते समय और प्रार्थना कक्ष में छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है. गिरीश भिमानी ने आगे कहा कि यह नियम लड़कियों और लड़कों दोनों पर लागू होता है और ये केवल नियम हैं, सर्कुलर नहीं.
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