त्रिपुरा के बाद एक और पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय में विधानसभा चुनाव होने वाला है. 60 सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. मेघालय के उत्तर तुरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी एनपीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की वजह से 2022-23 में घाटा 1849 करोड़ रुपये था.
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अमित शाह ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा करते हुए लोगों से बीजेपी को वोट देने की अपील किया और कहा कि बीजेपी बहुत बड़ा दल बनकर यहां पर उपस्थित होने वाली है. मेघालय का चुनाव होने वाला है और इसमें हमारे सभी 60 उम्मीदवार उतर रहे हैं और ये इस आशा से उतर रहे कि यहां पर बीजेपी एक मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी.
मेघालय में 50 साल से भ्रष्टाचार हो रहा है. देशभर में 2014-2023 तक मोदी जी के नेतृत्व में बहुत विकास हो रहा है. लेकिन दुख की बात है कि मेघालय में ये नहीं पहुंचा है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि BJP को एक मजबूत पार्टी बनाए तो हम मेघालय में भ्रष्टाचार समाप्त कर देंगे.
इसके अलावा शाह ने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां की राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण 2022-23 में 1849 करोड़ रुपए घाटा था ये इसलिए क्योंकि यहां पर भ्रष्टाचार होता है. आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार मेघालय देश में सबसे धीमी गति से विकास कर रहा है. मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए 6,000 करोड़ रुपए के बजट के साथ पीएम-डिवाइन योजना शुरू की गई है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगर यहां बीजेपी की सरकार बनती है तो पीएम-डिवाइन योजना का सबसे बड़ा लाभ हम मेघालय को देंगे.
पिछले चुनाव का सियासी समीकरण
पिछले मेघालय विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. लेकिन 2018 के चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन कांग्रेस को सत्ता से रोकने के लिए कोनराड संगमा ने बीजेपी, यूडीपी, पीडीएफ, एचपीपीडीपी और एक निर्दलीय के साथ मिलकर सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले भाजपा और एनपीपी का गठबंधन टूट चुका है और तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है. जिसकी वजह से मेघालय का विधानसभा चुनाव पहले से काफी ज्यादा रोचक हो गया है.
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