गांधीनगर: गुजरात पुलिस ने मोरबी ब्रिज हादसा मामले में चार्जशीट दाखिल कर पुल की मरम्मत करने वाले औरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को मुख्य आरोपी बनाया है. घटना के बाद से जयसुख पटेल लापता था और पिछले हफ्ते ही उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट और लुकआउट नोटिस जारी किया गया था. गिरफ्तारी की आशंका के चलते उसने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है.
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हाईकोर्ट लगा चुकी है गुजरात सरकार को फटकार
इसके पहले गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था, मरने वालों की जाति लिखने की क्या जरूरत है? सभी मृतकों को समान माना जाए. आगे कोर्ट ने कहा कि इस त्रासदी में 7 बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को दिया गया 4 लाख रुपये का मुआवजा पर्याप्त नहीं है और कम से कम 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए. इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने राज्य भर में पुलों के सर्वेक्षण का आदेश दिया है.
मोरबी पुल गिरने से 135 लोगों की मौत
30 अक्टूबर 2022 को मोरबी में एक झुलता पुल गिरने से 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इस त्रासदी ने 1979 में मच्छू बांध आपदा की याद दिला दी थी. पूल की मरम्मत का ठेका घड़ी बनाने वाली एक कंपनी को दिया गया था, जिसकी लापरवाही से कई लोगों की जान चली गई थी. यह त्रासदी उस समय हुई जब गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया और तुरंत मोरबी पहुंचकर मरीजों से मिले और मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की. छठ पूजा के दिन पुल पर भारी भीड़ जमा होने के कारण तार टूट गया और पुल नदी में गिर गया था. हादसे के वक्त पुल पर करीब 500 लोग मौजूद थे.
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