अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में 2002 के नरोडा गांव में हुए दंगों के मामले में विशेष अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी. नरोडा में 2002 के सांप्रदायिक दंगों में अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोग मारे गए थे. राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी और पूर्व वीएचपी अध्यक्ष समेत 86 आरोपियों के खिलाफ मामला चल रहा है. इन 86 आरोपियों में से 18 लोगों की मौत हो चुकी है. आज कोर्ट ने सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया है.
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28 फरवरी 2002 को गुजरात के नरोडा गांव में दंगे भड़क उठे और उस हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. मुकदमे के दौरान, जो 2010 में शुरू हुआ, अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने क्रमशः 187 और 57 गवाहों की जांच की, और लगभग 13 साल तक चले इस मामले की सुनवाई छह न्यायाधीशों द्वारा लगातार की गई.
जिस दौरान प्रधानमंत्री मोदी गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री थे उनके मंत्रिमंडल में शामिल माया कोडनानी को दोषी पाया और उन्हें 28 साल की जेल की सजा सुनाई थी. हालांकि कोडनानी को बाद में गुजरात उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. यह दंगा साल 2022 में हुए नौ बड़े सांप्रदायिक दंगों में से एक था और मामले की जांच एसआईटी ने की थी.
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