दिल्ली: राकेश झुनझुनवाली की एयरलाइन कंपनी अकासा इन दिनों परेशानियों से दो चार हो रही है. कंपनी के 43 पायलटों के नौकरी छोड़ने के बाद अकासा एयरलाइन संकट में है. जिसकी वजह से उसे अपना ऑपरेशन अब कभी भी बंद करना पड़ सकता है. पायलटों के अचानक इस्तीफे के कारण कंपनी को सितंबर में एक दिन में 24 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थी. एयरलाइन ने यह जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट को दी है.
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एयरलाइन के वकील ने न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा को बताया कि अकासा एयर को हर दिन कई उड़ानें रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पायलटों ने अनिवार्य नोटिस अवधि पूरी नहीं की थी. कंपनी के अधिकारियों के लिए नोटिस की अवधि 6 महीने और पायलट के लिए एक साल की है. कंपनी ने कोर्ट को आगे बताया कि जिन पायलटों ने नोटिस अवधि पूरी नहीं की है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है.
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट अकासा एयर की प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन में शामिल हो गए हैं. इसमें यह भी कहा गया कि अकासा एयर के एक अधिकारी ने प्रतिद्वंद्वी समूह को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की थी और इसे अनैतिक बताया था. अकासा एयर ने दिल्ली हाई कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि उसके 43 पयालटों ने अचानक से इस्तीफा दे दिया है, जिसकी वजह से कंपनी को हर दिन भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं इसकी वजह से यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
अकासा एयरलाइन प्रतिदिन 120 उड़ानें संचालित करता है. लेकिन इस भयंकर संकट की वजह से कंपनी की इस महीने 600-700 उड़ानें रद्द हो सकती हैं. अगस्त में भी कंपनी को 700 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं. एयरलाइन ने अदालत से अनुरोध किया है कि विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को अनिवार्य नोटिस अवधि नियमों को लागू करने का अधिकार दिया जाए.
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