हैदराबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे. हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में पासिंग आउट परेड की समीक्षा के बाद आईपीएस प्रोबेशनर्स के 75वें बैच को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही. शाह ने आगे कहा कि भारत ब्रिटिश शासन के दौरान बने कानूनों को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है और नए आत्मविश्वास और नई आशाओं के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है.
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महिला नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है
गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति तीन नए विधेयकों की जांच कर रही है और उन्हें जल्द ही पारित किया जाएगा. अमित शाह ने कहा कि नए कानून का मकसद लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश महिला नेतृत्व वाले विकास में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने अकादमी में अपना बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने वाले आईपीएस प्रोबेशनर्स से नई आपराधिक न्याय प्रणाली लागू होने पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कहा.
हैदराबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने IPS प्रोबेशनर्स के 75वें बैच की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए आगे कहा कि 75 साल में यहां से निकले हुए IPS अधिकारियों ने देश की सुरक्षा और आंतरिक सलामती को मज़बूत करने के लिए एक यशस्वी इतिहास का निर्माण किया है. आप लोगों की ये ज़िम्मेदारी है कि इस इतिहास को आगे लेकर जाएं, इस बैच के 175 प्रशिक्षु अधिकारियों में 34 महिला अधिकारी भी इसका हिस्सा बनी हैं जो अब तक का सबसे बड़ा महिला भागीदारी का उदाहरण है.
गौरतलब है कि ये तीनों बिल संसद के मानसून सत्र में पेश किए गए थे. गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को व्यापक परामर्श और चर्चा के लिए स्थायी समिति को भेजने का अनुरोध किया था. शाह ने कहा था कि इसकी भावना भारतीयों को अधिकार दिलाना होगी. इसका उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं है. इसका मकसद लोगों को न्याय दिलाना होगा. अगस्त महीने में कमेटी को तीनों बिलों का अध्ययन करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था.
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