बिहार में निर्माणाधीन ब्रिज का एक हिस्सा रविवार शाम अचानक गिर गया जिसको लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. अब इस मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि भागलपुर में पहले भी ऐसा हुआ था तब भी हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ? 2014 से इसपर काम शुरु हुआ था. कल पुल गिरने की घटना के बाद हमने विभाग के लोगों को एक्शन लेने के लिए कह दिया है.
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वहीं इस घटना को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जब इससे पहले भी पुल गिरने की घटना हुई थी, तब भी हम आशंका में थे कि हमें सभी सेगमेंट की जांच करानी चाहिए. रिव्यू मीटिंग भी की गई। IIT रुड़की ने 30 अप्रैल 2022 में पुल गिरने का कारण आंधी तूफान बताया था. हमें इसके डिजाइन में पहले से ही लग रहा फॉल्ट था, इसे पूरे तरीके से ध्वस्त करके फिर से कार्य प्रारंभ करने का हमारा निर्णय था.
मामला सामने आने के बाद सड़क निर्माण विभाग के एसीएस प्रत्यय अमृत ने कहा कि हम पहले क्लीयर थे कि इस ब्रिज को नए सिरे बनाने में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा, IIT रुड़की की एक रिपोर्ट आ गई है इस मामले में पूरी रिपोर्ट आ जाएगी. इस कार्य के लिए संवेदक के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. एसडीएम धनंजय कुमार ने कहा कि हम इंजिनयरों के संपर्क में हैं. पुल के गिरने से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं आई है. कंपनी के अधिकारियों ने पुष्ट किया है कि रविवार होने की वजह से उनका कोई मज़दूर घटना के दौरान पुल पर मौजूद नहीं था. हम सावधानी लेते हुए सुबह नदी में जांच कराएंगे. पुल का अधिकतर हिस्सा खगड़िया ज़िले का गिरा है.
सुल्तानगंज के जदयू विधायक ललित नारायण मंडल के मुताबिक यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. हमें तो उम्मीद थी कि पुल का उद्घाटन इस साल के अंत में नवंबर-दिसंबर तक हो जाएगा. मामले की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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