दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को चुनौती देने के लिए बने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की दो दिवसीय बैठक मुंबई में चल रही है. इस बैठक में संयोजक के नाम का फैसला और सीटों के बंटवारे की चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन इस बीच केंद्र की मोदी सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है और एक देश, एक चुनाव के लिए एक कमेटी का गठन किया है. समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे.
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केंद्र सरकार ने विशेष सत्र बुलाया
यह कमेटी सभी कानूनी पहलुओं पर ध्यान देगी, लोगों की राय लेगी. इस कमेटी में कौन-कौन से सदस्य शामिल होंगे इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है. केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. चर्चा है कि सरकार वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संसद में बिल पेश कर सकती है. वन नेशन वन इलेक्शन का सीधा सा मतलब है कि देश में होने वाले सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं.
#WATCH दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की, जो ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए एक समिति के प्रमुख होंगे। pic.twitter.com/4wDk1jcmBV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2023
अधीर रंजन ने कहा- सरकार की नियत साफ नहीं
वहीं, इस घोषणा के साथ ही विपक्ष की ओर से कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने वन नेशन वन इलेक्शन मुद्दे पर मोदी सरकार की नियत पर सवाल उठाए और कहा कि इस मामले में सरकार की नियत साफ नहीं है. अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि सरकार को पहले महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों और समस्याओं को हल करने पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन वह सिर्फ और सिर्फ चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बनाई गई केमटी के फैसले पर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि मुझे लगता है कि ये एक चुनाव आगे करने के लिए एक साजिश है, ये लोग चुनाव नहीं कराना चाहते…ये लोग INDIA से डर गए हैं, इनके मन में डर है इसलिए नया-नया फंडा लेकर आते हैं.
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