दिल्ली: वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है. केंद्र की मोदी सरकार ने इसे लेकर एक कमेटी भी गठित की है. इस समिति की पहली बैठक आयोजित करने का कार्यक्रम सामने आया है. सूत्रों का कहना है कि इस कमेटी की पहली बैठक आज हो सकती है. कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आवास पर पहली बैठक होने की संभावना है.
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बैठक कितने बजे होगी?
वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर चर्चा के लिए आज पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आवास पर पहली बैठक हो सकती है. इस बैठक में समिति के सभी सदस्य शामिल हो सकते हैं. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी शामिल होने का कार्यक्रम है. हालांकि, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने हाल ही में इस समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया था, जिसकी वजह से संभावना जताई जा रही है कि वह इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. यह बैठक दोपहर 3 बजे शुरू होगी. राम नाथ कोविंद बैठक की अध्यक्षता करेंगे क्योंकि वह समिति के अध्यक्ष हैं.
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर समिति गठन करने का मकसद है कि देश की केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए अलग-अलग समय पर चुनाव न कराकर हर पांच साल में एक साथ चुनाव कराए जाएं. केंद्र के विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए कमेटी बनाने की जानकारी सामने आई थी, जिसके बाद से ही चर्चा चल रही है कि इसी सत्र में केंद्र इस बिल को सदन में चर्चा के लिए रख सकती है.
सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम पर क्यों लगाई मुहर?
इस मामले में शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति के नाम की आधिकारिक घोषणा की गई थी. उनके नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है जो इस पर काम करेगी. लेकिन सवाल ये है कि सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के नाम पर मुहर क्यों लगाई? इसके कई कारण भी सामने आ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति ऐसे जटिल कानूनी मामलों को आसानी से संभाल सकते हैं. इसके साथ ही उन्हें पीएम मोदी का विश्वासपात्र भी माना जाता है. रविवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति के कामकाज को लेकर बैठक की थी. बताया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति ने पिछले तीन महीनों में कम से कम 10 राज्यपालों से मुलाकात भी कर चुके हैं.
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