श्रीनगर में कड़ी सुरक्षा के बीच जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है. श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बैठक में विभिन्न देशों के 60 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे. डल झील की रखवाली मार्कोस कमांडो कर रहे हैं. इतना ही नहीं एयरपोर्ट से लेकर कन्वेंशन सेंटर तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है.
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G20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला के मुताबिक हम श्रीनगर शहर के कई हिस्सों में गए और पिछली बार के मुकाबले कई परिवर्तन देखे, हमने देखा कि श्रीनगर अब पहले से और सुंदर हो गया है और सुविधाएं मिली हैं. हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की तो उनमें खुशी और गर्व था. श्रीनगर में दुनिया के प्रभावशाली देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि आएंगे और जब वे श्रीनगर की प्राकृतिक सुंदरता और सुविधाओं के देखेंगे तो हमें भी गर्व और खुशी होगी.
लालचौक समेत कई इलाकों में एनएसजी कमांडो तैनात
बेहद अमह बैठक शुरू होने से पहले एनएसजी कमांडो ने लालचौक समेत कई इलाकों में डेरा डाल दिया है. डल झील के किनारे का मुख्य मार्ग तीन दिन के लिए बंद रहेगा. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर नियंत्रण रेखा तक अलर्ट है. कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी, पुंछ, बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा के सीमावर्ती जिलों में सैनिकों को आईबी और एलओसी पर अधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.
प्रतिनिधियों का स्वागत किया जाएगा
सम्मेलन के पहले दिन दोपहर में प्रतिनिधि एसकेआईसीसी पहुंचेंगे. शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों से उनका स्वागत किया जाएगा. उसके बाद प्रतिनिधी शिल्प बाजार की मुलाकात लेंगे और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी देखेंगे. दूसरे दिन फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए फिल्म पर्यटन पर सत्र होगा. साथ ही ईको टूरिज्म पर भी अलग से सत्र आयोजित किया जाएगा.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए कहा कि G-20 सरकारी कार्यक्रम न बना रहे उसके लिए प्रधानमंत्री ने हर बार कहा है कि यह जन भागीदारी का आयोजन होना चाहिए. इसे भाजपा का आयोजन विपक्ष ने बनाया है. इसमें हिस्सा न लेकर और लोगों में मतभेद पैदा करने का काम महबूबा मुफ्ती जैसे लोगों ने किया क्योंकि एक समय में वे लोगों पर शासन करते थे और उनके शासनकाल में लोगों को उनके अधिकार उपलब्ध नहीं थे.
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