भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया है. चंद्रयान-3 को दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर इसरो ने इतिहास रच दिया है. इस बीच इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पिछली सरकारों को इसरो पर भरोसा नहीं था. यही कारण है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को पर्याप्त बजट नहीं दिया जा रहा था.
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नांबी नारायण का इसरो के शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को बीजेपी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है. वीडियो में इसरो के एक पूर्व वैज्ञानिक कह रहे हैं कि जब इसरो ने अपनी साख स्थापित की तभी सरकारों ने उसे फंड दिया.
इसरो के शुरुआती दिनों को किया याद
नंबी नारायण ने कहा, हमारे पास जीप, कार या कुछ भी नहीं था. यानी हमें कोई बजट आवंटित नहीं किया गया था. केवल एक ही बस थी जो शिफ्टों में चलती थी, शुरुआती दिनों में इसरो की ऐसी स्थिति थी. एपीजे अब्दुल कलाम के सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएलवी-3) के निर्माण के समय का जिक्र करते हुए नंबी नारायण ने कहा कि उस समय बजट मांगा नहीं गया था, बस दे दिया गया था. यह बहुत मुश्किल था. उन्होंने आगे कहा, मैं शिकायत नहीं करूंगा लेकिन सरकार को इसरो पर भरोसा नहीं था.
पीएम नहीं तो श्रेय कौन लेगा?
वीडियो में जब विपक्ष के इस आरोप पर सवाल पूछा गया कि चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता का सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ले रहे हैं तो नंबी नारायण ने कहा कि जब ऐसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट की बात आती है तो उनके अलावा और कौन है जो श्रेय लेगा? भले ही आप प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करते हों, यह आपकी समस्या है लेकिन आप उनसे श्रेय नहीं छीन सकते है. आप प्रधानमंत्री को सिर्फ इसलिए नहीं हटा सकते क्योंकि आप उन्हें पसंद नहीं करते हैं.
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