भारत के बाद रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है. रूस ने 47 साल बाद अपना अंतरिक्ष यान भेजा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को लॉन्च किए गए चंद्रयान मिशन के लिए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी है. इसरो ने यह भी कामना की कि चंद्रयान-3 और लूना-25 दोनों मिशन अपने लक्ष्य हासिल करें. इसरो ने कहा, लूना-25 के सफल प्रक्षेपण पर रोस्कोस्मोस को हमारी बधाई. अंतरिक्ष यात्रा पर एक और मुलाकात करना अद्भुत है. इसरो ने चंद्रयान-3 और लूना-25 मिशन के लक्ष्य हासिल करने की कामना की है.
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रूस ने 47 साल बाद भेजा अपना अंतरिक्ष यान
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने भी शुक्रवार को लूना-25 मिशन के लॉन्च की पुष्टि की. इससे पहले रोस्कोस्मोस ने साल 1976 में लूना-24 लॉन्च किया था. रूस ने 47 साल बाद अपना अंतरिक्ष यान भेजा है. लूना 25 को मॉस्को से लगभग 5500 किमी पूर्व में स्थित अमूर ओब्लास्ट में वोस्टोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया है. कहा जा रहा है कि भारत के चंद्रयान-3 से पहले रूस का लूना-25 चंद्रमा पर उतरेगा.
रूसी लैंडर 7-10 दिनों तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा
रूसी मीडिया के मुताबिक, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे लूना-25 लैंडर को रूस के वोस्तोक कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया. लूना-25 को सोयुज 2.1बी रॉकेट द्वारा चंद्रमा में भेजा गया है, इसे लूना-ग्लोब मिशन नाम दिया गया है. रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, जबकि इसका व्यास 10.3 मीटर है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चंद्रमा की ओर जा रहा है. पांच दिनों तक यह चंद्रमा की ओर बढ़ेगा. फिर 313 टन का रॉकेट 7-10 दिनों तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. अंतरिक्ष यान के 21 या 22 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है. लूना-25 और चंद्रयान-3 की लैंडिंग का समय लगभग एक जैसा ही होगा.
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