भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में पीएफआई के 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है. आरोप है कि पीएफआई के कई ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक पीएफआई पर प्रतिबंध लगने और उसके शीर्ष नेताओं के जेल जाने के बाद संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं को पुनर्गठित और मजबूत करना शुरू कर दिया है.
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एनआईए की टीम ने बिहार के मोतिहारी जिले में भी दस्तक दे दी है. टीम ने चकिया के कुवा गांव में छापेमारी की है. कुवा गांव के सज्जाद अंसारी के घर पर छापा मारा गया है. सज्जाद पिछले 14 महीने से दुबई में काम कर रहा है. यह कार्रवाई हरपुर किशुनी निवासी इरशाद के निर्देश पर की गई है, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. एनआईए की टीम ने छापेमारी के दौरान सज्जाद का आधार, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज जब्त किए है.
यूएपीए के तहत लगाया गया प्रतिबंध
पिछले साल सितंबर में गृह मंत्री की ओर से एक सार्वजनिक गैजेट अधिसूचना में कहा गया था कि सरकार ने पीएफआई की विघटनकारी गतिविधियों को देखते हुए गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम, 1967 यानी यूएपीए की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है. पीएफआई को यूएपीए की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है.
पीएफआई पर आतंकी संबंधों का आरोप है. केंद्र सरकार ने यह फैसला देश के कुछ राज्यों में पीएफआई पर लगातार छापेमारी के बाद लिया था. रिपोर्ट के मुताबिक मिले सबूतों के आधार पर यह फैसला लिया गया था. आरोप है कि इस संगठन को विदेशों से अवैध रूप से फंडिंग मिल रही थी. इसे लेकर गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली, असम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में छापेमारी कर इस संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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