संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है, इसकी शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुआ, अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के कार्यकाल का लेखाजोखा जनता के सामने रखा. लेकिन अब कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण को चुनावी करार दिया है.
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मामले को लेकर कहा कि राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ते लेकिन ऐसा लग रहा था कि भाजपा सरकार अपना अगला चुनाव अभियान उनके माध्यम से चला रही है. पूरा भाषण एक चुनावी भाषण लग रहा था. वे सरकार द्वारा किए गए हर काम की प्रशंसा करने की कोशिश कर रहीं थीं. लेकिन वे उन चीजों को छोड़ रहीं थीं जिनमें सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. हम इसके लिए राष्ट्रपति को जिम्मेदार नहीं कह सकते क्योंकि भाषण मौजूदा सरकार ने लिखा था.
इसके अलावा कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले को लेकर कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण दोहराता है कि सरकार क्या चाहती है और क्या करती है. राष्ट्रपति सरकार का बयान प्रस्तुत करते हैं. फिर भी हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान करते हैं. सदन में जब चर्चा होगी तब हम अपने विचार रखेंगे. सरकार के खिलाफ बहुत से मुद्दे हैं इनको हम सदन में उठाने वाले हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में पहुंचने की बहुत इच्छा थी, लेकिन मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं. सत्र में हमें कई मुद्दे उठाने हैं. महंगाई-बेरोजगारी के अलावा देश का जो पैसा कुछ पूंजीपतियों को देकर बर्बाद किया जा रहा है उसका मुद्दा भी हम उठाएंगे. चीन को लेकर विदेश नीति का मुद्दा जो हमने पिछली बार उठाया था उसे हम इस बार भी उठाएंगे. इसके अलावा जो विपक्ष ने सर्वदलीय दल की बैठक में बातें उठाईं हैं उसे लेकर भी सब मिलकर लड़ेंगे.
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