दिल्ली: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल केंद्र की मोदी सरकार ने पेश कर दिया है. आज पूरे दिन इस बिल पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है. बिल पर कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी सदन को संबोधित कर रही हैं. इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि नए संसद भवन में प्रवेश करने से पहले सांसदों को सौंपी गई भारत के संविधान की नई प्रतियों की प्रस्तावना में ‘समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं थे.
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अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 19 सितंबर को संविधान की जो नई प्रतियां हमें दी गईं, उनकी प्रस्तावना में ‘समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं थे. हम इन प्रतियों को हाथ में लेकर नए संसद भवन में दाखिल हुए थे. हम जानते हैं कि ये शब्द साल 1976 में संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन आज अगर कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द शामिल नहीं हैं तो ये चिंता की बात है.
संविधान को बदलने की जानबूझकर कोशिश
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए आगे कहा कि जब कल मैं संविधान की नई प्रतियां पढ़ रहा था तो मुझे धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी यह दो शब्द नहीं मिले, तब मैंने इन्हें अपने आप से जोड़ दिया और उसके बाद मैंने इसे राहुल गांधी को भी दिखाया. इसमें 1976 में संशोधन किया गया था, तो हमें आज संशोधन क्यों नहीं मिलेगा, हम संशोधन क्यों करते हैं? यह हमारे संविधान को बदलने की जानबूझकर की गई कोशिश को दर्शाता है.
मुझे यह मुद्दा उठाने का मौका नहीं मिला
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा संदिग्ध है, ये बहुत ही चालाकी से किया गया है. यह मेरे लिए चिंता का विषय है. मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन मुझे इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला. उल्लेखनीय है कि 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान संविधान में 42वें संशोधन के हिस्से के रूप में प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़े गए थे.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है? उनके मन में जो है वह उनके कार्यों से झलकता है. अब प्रस्तावना और संविधान में संशोधन किया गया है. प्रस्तावना में सबसे महत्वपूर्ण शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष का न होना स्पष्ट रूप से संदेश है जो सरकार दे रही है कि वे इस पर विश्वास नहीं करते. यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है.
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